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धारावाहिक के भागों में निरंतरता कैसे बनाये रखें ?-डॉ शैलजा श्रीवास्तव

21 मार्च 2023

 

नवोदित लेखकों की मदद के लिए हम कुछ टॉपिक्स लेकर आये हैं जो प्रतिलिपि के लेखकों के द्वारा लिखें गए हैं ये टॉपिक्स विशेष तौर पर नवोदित लेखकों के लिए बहुत उपयोगी हैं।

आज का टॉपिक- "धारावाहिक के भागों में निरंतरता कैसे बनाएं?"

 

धारावाहिक लिखते समय उसकी निरंतरता बनाये रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यहाँ कुछ बिंदुओं के माध्यम से आपको बताने की कोशिश कर रही हूँ कि धारवाहिक के भागों में निरंतरता कैसे बनाएं:-

 

(1) एक रूपरेखा या  प्रारूप बनाए:-

तो मित्रो हर लेखक का धारावाहिक या उपन्यास शुरू करने का अपना तरीका होता है, लेकिन रूपरेखा बनाना हर किसी के लिए जरूरी होता है। रूपरेखा बनाने से आप अपने विचार एक जगह एकत्रित कर लेते हैं। छोटे-छोटे बिंदुओं पॉइंट में लिखने से आपको आगे आसानी होती है और यदि रूपरेखा तैयार है तो फिर जब भी आप नया के धारावाहिक या उपन्यास लिखेंगे तो निरंतरता बनी रहेगी और आपको धारावाहिक रोकने की आवश्यकता नहीं होगी। ये बिंदु या रूपरेखा आपको धारा प्रवाह लेखन में सहायक होंगे।

 

(2) चरित्र या किरदारों को आकार देना:-

आप जितने भी मुख्य चरित्र या सहायक चरित्र ले रहे हैं अपने धारावाहिक में उनके नाम व चारित्रिक विशेषताओं को लिख कर रखें, ताकि चरित्र एक दूसरे पर हावी( ओवरलैप) न हो और लिखते समय आप की निरंतरता उनके गुणों व चारित्रिक विशेषताओं को सोचने के कारण बाधित ना हो। निरंतरता तभी बनती है जब किरदार और उनके काम आपके दिमाग में क्लीयर हो।

 

(3) समय व दिनचर्या का चुनाव:-

धारावाहिक लेखन के लिए यह एक महत्वपूर्ण पॉइंट है। लेखन में निरंतरता बनाए रखने के लिए आपको आपकी दिनचर्या व्यवस्थित करनी होगी, और अपनी दिनचर्या से कोई निश्चित समय लेखन के लिए चुनना होगा।जो भी समय आपका सही लगे वह चुनिए। फिर वह समय सुबह का हो या शाम का दोपहर या रात का। दिनभर का कोई भी समय जब आप शांत मन से लेखन कर सकें अपनी सुविधा अनुसार चुन सकते हैं। आप चाहें तो एक साथ लंबा भाग लिख सकते हैं या दिनभर थोड़ा-थोड़ा करके लिखें पर समय और दिनचर्या निर्धारित होगी तो लेखन में निरंतरता बनी रहेगी। निश्चित समय और दिनचर्या लेखन को नियमित करेगी और निरंतरता बनी रहेगी।

 

(4) जितना मन में आए उतना लिखकर ड्राफ्ट करें: -

जरूरी नहीं कि हर समय आप लिखने के लिए मानसिक रूप से तैयार हों, इसलिए जब जितना दिमाग में आए उसे लिखकर ड्राफ्ट करके सेव कर लें, और फिर जब भी समय मिले उसे एडिट करके नया भाग बना लें। इस प्रकार धारावाहिक लेखन बाधित नहीं होगा और निरंतरता बनी रहेगी। यूँ छोटे-छोटे पार्ट के ड्राफ्ट बनाने से आपके लंबे धारावाहिक में निरंतरता आएगी और आप को रुकना नहीं पड़ेगा।

 

(5 ) संपादन खुद करने की कोशिश करें:-

 जब आप नियमित धारावाहिक लिख रहे हों तो अपने धारावाहिक के भागों को यथासंभव खुद ही संपादित करने की कोशिश करें। यदि समय का अभाव है तो आप किसी सहायक से संपादित करवा सकते हैं। खुद लिख कर खुद संपादित करने से आपको पता होगा कि आपकी क्षमता क्या है और आप किस अंतराल से लिख कर प्रकाशित कर सकते हैं और इस प्रकार आप एक निश्चित समय पर अपनी रचना को प्रकाशित करेंगे और आपकी रचना प्रकाशन में निरंतरता बनी रहेगी।

 

(6) साथियों से सलाह  लीजिये:-

अपनी रचना को मित्रों और साथियों को दिखाइए और उनसे सलाह मशवरा कीजिए। उनसे पूछिये कि कहां सही नहीं है? क्या गलती हुई है और कहां आप सुधार ला सकते हैं? इस तरीके से उनसे सलाह कर लेने से आपको आगे लिखने में मदद मिलेगी और निरंतरता बाधित नहीं होगी।

 

(7) खूब सारी पुस्तकें पढ़िए:-

खूब पढ़िये ।  खासकर उस शैली की पुस्तकें पढ़िए जिस शैली में आपको लेखन पसंद है। इससे आपका लेखन मजबूत होगा और लेखन में निरंतरता आएगी।कहते है न अच्छा लेखक बनने के लिए अच्छा पाठक होना जरूरी है और यदि आप अच्छा साहित्य पढ़ेंगे तो लेखन खुद व खुद मजबूत होगा।

 

( 8 ) खुद के लिए लिखिए:-

हर समय सिर्फ दूसरों का सोच कर दूसरों की संतुष्टि के लिए ना लिखे।

लिखिये पर अपनी खुद की संतुष्टि के लिए..! खुद की खुशी के लिए लिखिये। जैसा चाहे वैसा लिखिए। जो शैली आपको पसंद है उसमे लिखिए क्योंकि आप अगर अपनी पसंद की शैली में लिखेंगे तो निरंतरता अवश्य आएगी और निरंतर लिखने से सफलता भी अवश्य मिलेगी।

 

(9) अतिरिक्त भाग सहेज के रखिये:-

निरंतरता बनाये रखने के लिए जरूरी है कि जो भाग प्रकाशित कर रहे है उसके आगे के कुछ भाग लिखकर सहेज के रखे ताकि किसी कारण आप एक दो दिन न लिख पाएँ तो भी निरंतरता बनी रहे।

 

धन्यवाद !

डॉ शैलजा श्रीवास्तव।

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