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धारावाहिक पर पाठक कैसे बढ़ाएं -डा.शुभ्रा वार्ष्णेय !

30 मार्च 2023

 

प्रिय लेखक,

आशा है आप हर दिन बेहतर कर रहे है।

प्रतिलिपि लेखक द्वारा लिखित यह लेख "धारावाहिक पर पाठक कैसे बढ़ाएं ?" हम यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं, इस उम्मीद के साथ कि अगर आप भी इसी समस्या से गुजर रहे हैं तो इस लेख से आपको कुछ बेहतरीन टिप्स मिल सके।

1.नियमित प्रकाशन की आदत (regular publication habit)-

यह किसी भी धारावाहिक पर पाठक बढ़ाने का केंद्र बिंदु है। सबसे पहले इसी बारे में बात करती हूं अगर आप चाहते हैं कि आपका धारावाहिक ना सिर्फ लोकप्रिय बने अपितु उसके ज्यादा से ज्यादा पाठक हो तो उसके लिए आपको उसका नियमित प्रकाशन करना ही होगा ।यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है प्रतिलिपि परइसलिए आपसे साझा कर रही हूं। निरंतर लिखते रहने से आप पाठकों को बांधे रहते हैं।

2.एकरसता से बचना चाहिए (monotony should be avoided)- 

पाठक आपके धारावाहिक से जुड़े रहे ज्यादा से ज्यादा पाठक संख्या रहे इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप कथानक को मनोरंजक और रुचिकर बनाए रखें इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है एकरसता से बचना।इस बात को हम इस तरह से समझ सकते हैं कोई भी व्यक्ति अगर छोले भटूरे, नान पनीर या फिर रसगुल्ले पसंद करता है, तो क्या अगर उसे भोजन में रोज-रोज यही परोसा जाए तो क्या वह इस भोजन में अपनी रुचि रख पाएगा नहीं कदापि नहीं।उसे यह भोजन तभी रुचकर लगेगा जब उसे कभी-कभी खाने को मिलेगा। इसी प्रकार अगर आप अपनी कहानी में लगातार प्रेम या लगातार हास्य यह लगातार दुख दिखाते रहेंगे तो कहानी उबाऊ लगने लगेगी एकरसता आ जाएगी और पाठक हटने लगेंगे इसलिए आपको कथानक का संतुलन बनाते हुए नवरस की तरह हास्य करुणा प्रेमउत्साह, रौद्र, भयसभी का समावेश अपनी रचना में लाना पड़ेगा तभी वह रुचकर बनेगा और पाठक जुड़े रहेंगे बल्कि मैं कहूं पाठक बढ़ते जाएंगे।

3.अन्य लेखकों पर समय खर्चिए (spend time on other writers)-

 जैसा कि मैंने अपने पहले चैप्टर में भी कहा है अच्छी लिखने के लिए खूब पढ़िए। प्रतिलिपि पर अगर आप पाठक संख्या बढ़ाना चाहते हैं तो यहां पर अन्य लेखकों को फॉलो कीजिए उनकी रचनाओं पर समय दीजिए लाइक कमेंट कीजिए।अब पूछेंगे आपकी इसका क्या फायदा है सबसे पहले तो सीधा-सीधा देन लेन का व्यापार जो खूब प्रचलन में हैं आप मेरी रचना पर आइए मैं आपके रचना पर जाऊंगा या जाऊंगीJokes apart:pray:

अगर आप चाहते हैं कि आपको अच्छे पाठक मिले तो आप और लेखकों को पढ़ कर आइए जिससे आप उनकी लेखन शैली समझेंगे और जानेंगे पाठक उनको क्यों पढ़ना पसंद करते हैं। 

ऐसी क्या विशेषता है कि वह पाठकों को अपनी ओर अट्रैक्ट करते हैं।साथ ही साथ अगर आप उनसे अपनी रचना पढ़ने के लिए कहेंगे तो आपको एक पाठक भी मिलेगा और महत्वपूर्ण सुझाव भी आपको अपनी रचना में क्या बदलाव या सुधार करना चाहिए।

4.पाठकों से बातचीत(conversation with readers)

यह सबसे महत्वपूर्ण बात है आप अपने पाठकों से धारावाहिक के दौरान बातचीत कीजिए उनके कॉमेंट्स को पढ़िए समझने की कोशिश करिए कि पाठक आपकी रचना को कैसा महसूस कर रहे हैं उनका फीडबैक आपकी धारावाहिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।यह पाठकों का फीडबैक ही है जो हमें प्रेरित करता है कि हम रचना को किस दिशा की ओर ले जाएं आपने देखा होगा कि कभी-कभी पाठकों के कमेंट पढ़कर आपको लगने लगता है कि आपको अगला अंक कैसा बनाना चाहिएमैं ऐसा नहीं कहती कि इससे आपको अपनी रचनात्मकता नष्ट कर देनी चाहिए और पाठकों के अनुरूप चलना चाहिए लेकिन समझिए तो सही पाठक चाहते क्या हैं आपकी कहानी से वह कितना जुड़ाव महसूस कर रहे हैं और आप उन्हें कितनी देर तक जोड़े रखेंगे। पाठक तो तभी बने रहेंगे ना जब तक आप उन्हें धारावाहिक से बांधे रखेंगे तो बातचीत कीजिए पाठकों से।

5.रूचि उत्पन्न कीजिए (generate interest)

जैसे दाल में बढ़िया तड़का लगा दो तो साधारण सी दाल भी आनंद दे जाती है इसी प्रकार किसी भी भाग में या किसी भी धारावाहिक के अंक में कुछ रुचि लाइए चाहे वह कविताओं की पंक्ति हो या फिर हास परिहास सभी को दृश्य के रूप में प्रस्तुत कीजिए या फिर जबरदस्त एक्शन या भय का दृश्य ।जब तक पाठकों की रूचि नहीं बनेगी तब तक वह धारावाहिक पर समय नहीं देंगे।अब कोई रस्सी से तो बांध के नहीं रख सकते पाठकों को 

यह तो आपके शब्द ही होंगे जो रस्सी का काम करेंगे उन्हें जोड़े रखने के लिए.बोरियत ना आने दें(don't let boredom set in)- बेवजह कोई प्रसंग इतना लंबा ना खींच दे कि वह कई धारावाहिक के अंकों को चाट जाए और पाठक बोर होकर उस धारावाहिक से अलग हो जाएंमैंने स्वयं देखा है अगर कथानक एक जगह आकर रुक जाता है और उसे हम कई अंको में बार-बार दोहराते रहते हैं तो पाठक हटने लगते हैं धारावाहिक से वह बोर हो जाते हैं।

7.अपने शब्दों का स्वाद चखिए/संपादन (savor your words/ editing)- 

और अंत में आते हैं हम इस सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पर एक बार प्रकाशित करने से पहले सटीक संपादन कीजिए अपने धारावाहिक के अंक कादेखिए गलती तो नहीं है कहीं मात्राएं गलत हो गई हो या फिर डायलॉग डिलीवरी :speech_balloon:के लिए इनवर्टेड कोमा या फिर पैराग्राफ छूट गया हो , सोचा तो हो लेकिन वह शब्द आप लिखना भूल गए हो तो फिर चुस्त संपादन कीजिए फिर प्रकाशित कीजिए।मित्रों रुचिकर धारावाहिक बनाइए अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कीजिए स्वयं को निखारिए सोचिए पाठकों को मेरा पिछला अंक कैसा लगा था ...मैं अगले अंक में ऐसा क्या करूं जिससे पाठक और भी ज्यादा आकर्षित हो।तो मित्रों बस कलम दौड़ाइए :writing_hand:और पाठक बढ़ाइए। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं :bouquet:

धन्यवाद !

डा.शुभ्रा वार्ष्णेय                                                 

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