pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कुछ लेखकों के शानदार लेखन की गाथा

26 अक्टूबर 2023

प्रिय पाठक !

प्रतिलिपि मंच पर कुछ परिपक्व लेखकों ने अपना लेखन सफर प्रतिलिपि पर साझा किया है! उसकी एक छोटी सी झलक! आप लिंक पर क्लिक करके पूरा आर्टिकल पढ़ सकते हैं !

मैं इंजीनियरिंग का छात्र हूँ, प्रतिलिपि के अतिरक्त भी मैंने कुछ वेबसाइट्स के लिए कहानियां लिखी हैं, एक वेब मैगज़ीन के लिए कुछ कहानियां एवं आर्टिकल्स और कुछ यूट्यूब वीडिओज़ के लिए स्क्रिप्ट भी लिखा है। “ संवर्त हर्षित, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 तब धीरे-धीरे मुझे पता चला की प्रतिलिपि पर कोई भी लिख सकता हैं मैंने फटाफट अपनी प्रोफाइल बनाई और बस एक ही दिन में अपनी पहली कहानी " कांच की दीवार "  लिख दी जिसे आप 10 मिनट पढ़कर  पूरी कर सकते थे ।अब मुझे इंतजार था कि इस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आए” हेमा श्रीवास्तव , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 "आपके सपनों को मैं शब्द देता हूँ.. आपके एहसासों से कहानी बुनता हूँ.. चलिए मेरे साथ, कहानियों की एक ऐसी दुनिया में जहाँ मिलेंगे आप, ..अपने आप से” शाम ,पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 Café में आपका स्वागत है। यहाँ मिलेंगी आपको कुछ बेहतरीन कहानियाँ जो आपका नज़रिया बदल देंगी। आपकी कॉफ़ी की हर चुस्की के लिए हैं ये कहानियां। मगर अपनी कॉफ़ी साथ लाइएगा क्यूंकि यहाँ कॉफ़ी नहीं , कहानियाँ मिलती हैं।” कहानी cafe, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 गर्मी की छुट्टियों में मायके गई तो वहा मम्मी बहुत सारी कहानियां पढ़ती थी। वही मम्मी ने मुझे प्रतिलिपि के बारे में बताया, धीरे धीरे मेने प्रतिलिपि पर कई कहानियां पढ़ना शुरू कर दिया था। मुझे सबसे अच्छी बात यह लगती थी। ससुराल में भी बुक हाथ में लिए बिना ही थोड़ा सा भी समय मिलने पर भी मैं प्रतिलिपि खोल कर बैठ जाती थी।” varsha lahoty, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 एक लेखक भी चाहे कितनी अच्छी रचनाएं लिखता हो जब तक उसे कोई उचित प्लेटफार्म नहीं मिलेगा, तब तक उसकी रचनाओं को कोई नहीं पढ़ेगा और ना ही उसे कोई पहचान मिलेगी। मुझे भी बचपन से ही कहानियां पढ़ने का शौक था। बाल पत्रिकाएं जैसे बाल भास्कर, चंपक, बालहंस, बाल भारती को पढ़ने के बाद मेरे मन में भी कहानियां लिखने का मन हुआ।”अभिषेक हाड़ा, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 “प्रतिलिपि के सम्मानित मंच द्वारा मुझे दिया गया एक और सम्मान व सुनहरा मौका जो कि मुझे गेस्ट ब्लॉगिंग में चयनित होने पर मिला है तो आइए मेरे इस नये सफर में मेरा साथ दीजिए क्या पता मेरे सफर कीनिशा शर्मा, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 बचपन में जब मैं कक्षा आंठवी में पढ़ती थी तब लेखन की तरफ रूचि बढ़ने लगी। मेरी एक फ्रेंड ने एक भूतिया किस्सा सुनाया था जो उस समय टीवी पर आता था। तब मैने उसके साथ कहानी लिखना शुरू किया था। " आशिता, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 अपने सफर के बारे में बताने का तो सोचा इसी बहाने आप लोगों से थोड़ी बातचीत भी हो जायेगी। उम्मीद है आप सब स्वस्थ होंगे। सबसे पहले तो आप सब का” भारती यादव , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

 आज का टॉपिक देखकर तो आप लोग समझ ही गए होंगे कि आज  गुफ्तगू किस सिलसिले मे हैं “चाय जैसा किरदार है मेरा, किसी को बेहद पसंद हूं, तो किसी को नाम से ही नफरत है!” फरहीन राजपूत , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें