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लेखन सफर

26 अक्टूबर 2023

प्रिय पाठक !

प्रतिलिपि मंच पर कुछ परिपक्व लेखकों ने अपना लेखन सफर प्रतिलिपि पर साझा किया है! उसकी एक छोटी सी झलक! आप लिंक पर क्लिक करके पूरा आर्टिकल पढ़ सकते हैं !

“ख्याल आता है कभी कि जो तुम ना होती तो विचारों को पंख कौन देता..लेखनी को मुखरित कौन करता देता और मन की तपती धरा पर भावों के कुसुम कौन खिलाता  ! आज जब ख्यालों के..दीपाली निगम , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

“प्रतिलिपि पर मेरा सफ़र के साथ। इस रचना के माध्यम मैं बात करने जा रही हूँ अभी तक के अपने प्रतिलिपि ही सफ़र के बारे में। पहले मैं आपको -भावना भट्ट , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

मैं एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हूं। जो समय मिलता है उसमें अपने बचपन के शौक लेखन को पूरा करने का प्रयास करती हूं। आशा है कि आप मेरी रचनाएं पढ़ेंगे, पसंद करेंगे और सुधार के लिए प्रेरणा भी देंगे।”-c a  मनीषा सोमानी , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

इस ब्रह्माण्ड में दिखाई देने वाली दुनिया से ज्यादा बड़ी है ना दिखाई देने वाली दुनिया ,और ये ना दिखाई देने वाली दुनिया ही ,मेरी कहानियों का प्रमुख विषय है । मेरी कहानियां इस अनदेखी दुनिया की खिड़की है ,जिसमें से झांक कर आप इस अनदेखी दुनिया का रहस्य रोमांच महसूस कर सकते हैं ।”-अनुराधा पंचवरिया , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

 क्योंकि मुझे मेरी लेखन यात्रा में काफी उतार-चढ़ाव देखने मिले हैं, जिसकी वजह से मैं काफी डिप्रैस भी हुई, मैं काफी परेशान भी हुई और भी बहुत कुछ सहा !  लेकिन कहते हैं ना कि जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है शायद यह सब अच्छे के लिए ही हुआ। प्रतिलिपि पर आना मेरे लिए शायद किसी जादू की तरह था । 12वीं की परीक्षा  के बाद मेरे पास छुट्टियों में जो वक्त था“-वंदना ठाकुर , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

मैंने प्रतिलिपि पर बहुत से लेखकों को पढा है और इनमें से ज्यादातर ऐसे ही मिले जो परिस्थितिवश या फिर संयोगवश लेखन के क्षेत्र में उतरे, और उन सबके लिए ही प्रतिलिपि ने एक सार्थक मंच के तौर पर काम किया. ... -पूजा कुमारी , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

वह सपना जो किसी ने नहीं देखा, उसकी कल्पना करने की चाहत रखता हूं। कभी मेरी इस जुस्तजू में शामिल होना हो तो मेरे मकबरे आ जाना। “-एकांत , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

 

प्रतिलिपि मंच से जुड़कर तो ऐसा लगने लगा है कि मेरे पास अब जितना जीवन शेष है मैं इस मंच पर लिखकर ही बिताऊंगी हां ये जरूर सोचा है कि मेरे कम से कम 100 उपन्यास तो मुझे लिखने ही है। और लघु कथाएं 500 से ऊपर फिलहाल तो मैं यह लक्ष्य लेकर चल रही हूं”-नीतू सिंह , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

मुझे याद है मेरा ‘बेहद’ जब प्रतिलिपि के द्वारा gana.com में प्रोमोट किया गया था तो मुझे लगभग 40,000 मिले थे और मैंने उन रुपयों से मेरे अपने लिए एक 55 इंच का टीवी ख़रीदा था| पहली बार मेरे खाते में मेरी कमाई के इतने रुपये जमा किये गए थे जो मेरे जैसे घरेलु औरत के लिए गर्व की बात थी| उसके बाद मैंने प्रतिलिपि की कमाई से घर के लिए एक aquaguard ख़रीदा| मुझे नाज है कि अब मैं अपने लेखन से अपने शौक के साथ ही घर की जरूरतें भी पूरा कर सकती हूँ| अब मेरे सामने मेरी लेखनी का अनंत आकाश था जहाँ मैं अपने पंख फैलाकर उड़ सकती थी..”-डॉ पूनम बनर्जी, पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

प्रतिलिपि पर मेरा लेखन ; अलका माथुर सुपर लेखक अवार्ड 4 में 51,000 रूपए की धन राशि और ढेरों इनाम के साथ प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली भाग्यशाली लेखिका हूं। अपनी खुशी और इस उपलब्धि का छोटा सा सफ़र“-अलका माथुर , पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!