pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
एक छोटा सा वार्तालाप हिंदी के वरिष्ठ रचनाकार श्री त्रिलोक सिंह ठकुरेला के साथ / A short interview of Hindi writer Mr. Trilok Singh Thakurela
13 जनवरी 2015

 

 

नाम  : त्रिलोक सिंह ठकुरेला (  Trilok  Singh  Thakurela  )

जन्म-दिवस  : 01 अक्टूबर 1966 

मूल-  स्थान  :  ग्राम - नगला मिश्रिया (  हाथरस )

शैक्षिक उपाधि :  डी . ई . ई 

 

1. स्वभाव :

आवश्यकतानुसार नरम  भी , गरम भी 

 

2. ख़ास  शौक  : 

साहित्य सृजन 

 

3. लोकप्रिय  व्यक्ति  : 

स्वामी विवेकानंद 

 

4. साहित्य -प्रेरणा  : 

मेरे  शिक्षक  पिता बचपन में  मुझे सरस और  प्रेरणादायक   बाल-कविताएँ  सुनाते थे ,  इससे मुझे  कविता के  प्रति  अभिरुचि  पैदा हुई . . जीवन - संगिनी साहित्यिक अभिरुचि की होने  के  कारण भी मुझे बहुत सहयोग मिला है। 

 

5. पसंदीदा व्यंजन  :

खीर -पूड़ी 

 

6. अगर  अपनी जिंदगी फिर  से  जीने का मौक़ा मिले तो  क्या बदलना चाहेंगे ?

जी,  मैं  शिक्षक  बनना चाहूँगा । 

 

7. आपके  बचपन का सबसे यादगार  किस्सा क्या है ?  

बचपन  का एक किस्सा मुझे  बार  बार याद आता है।उस समय मेरी उम्र दस वर्ष से  भी कम रही होगी।  मेरे पितामह को  हुक्का पीने का शौक  था ।मैं और मेरा एक साथी घर से दूर एक  स्थान  पर  गए ।वहां  मेरा साथी बीड़ी पीने लगा । तभी मेरे पितामह वहां  से गुजरे । उन्हें धुंआ दिखाई दिया और  उन्होंने  समझा कि मैं  बीड़ी पी रहा हूँ।  उन्होंने मुझे   डाँटना शुरू किया तो मेरे मुंह से  निकल  गया कि आप ही  हुक्का पीते  हो,  मैं तो  बीड़ी नहीं पी रहा । उन्होंने  कहा कि  मैं कभी हुक्का  नहीं पियूँगा पर  तू बीड़ी मत  पीना। उन्होंने उसी दिन  से  हुक्का  पीना  छोड़ दिया।   आज मेरे पितामह  इस दुनिया में नहीं  हैं, किन्तु   उनका  वह  त्याग आज भी मुझे नयी प्रेरणा देता है.   

 

8.  वे  कौन  सी तीन  चीजें हैं जिनके बिना आपका जीवन  अधूरा है --

मेरा परिवार , मित्र  और साहित्य 

 

9. प्रकाशित रचनाएँ :

 विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं और  इंटरनेट पर  रचनाएँ प्रकाशित ।  रेडिओ पर  रचनाएँ प्रसारित । बाल-कविताओं  की  पुस्तक ' नया सवेरा '  और कुण्डलिया संग्रह ' काव्यगन्धा '  प्रकाशित । ' आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ ',कुण्डलिया छंद  के  सात  हस्ताक्षर ' और ' कुण्डलिया कानन '  का सम्पादन । 

 

10. प्रतिलिपि के  विषय में  आपके  विचार  :

 प्रतिलिपि बहुत  ही उत्तम  साहित्यिक  प्रयास है। प्रतिलिपि नए नए शिखर प्राप्त  करे, यही कामना है। 

 

11.  पाठकों के  लिए सन्देश :

 पाठक सदैव नयी ऊर्जा देते हैं।  पाठकों  से  निवेदन  करना चाहूँगा कि प्रतिलिपि से  जुड़े रहें और उत्तम  साहित्यिक रचनाओं का  आनंद लें  और  नयी प्रेरणा भी। 

 

Published works on Pratilipi :

               

आदमी