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सारांश

' गोदान ' से आगे की कहानी है ' राग दरबारी ' ! एक ऐसा उपन्यास जो शहरी जीवन की त्रासदियों के रेशे - रेशे बयान कर दे। भाषा का अंदाज इतना चुटीला कि सुनकर कभी मन तिलमिला उठे तो कभी अपनी त्रासदियों की सटीक बयानबाजी पर खुश हो जाए ! सुनें रोज ! एक अनूठे अंदाज में हम सबकी अपनी कहानी !

वाचक
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Pratilipi Hindi

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