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हिन्दी

शाप

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मैं बर्लिन नगर का निवासी हूँ। मेरे पूज्य पिता भौतिक विज्ञान के सुविख्यात ज्ञाता थे। भौगोलिक अन्वेषण का शौक मुझे भी बाल्यावस्था ही से था। उनके स्वर्गवास के बाद मुझे यह धुन सवार हुई कि पैदल पृथ्वी के ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vivek Kumar Rajput
    08 दिसम्बर 2018
    शानदार कहानी! भारतीय परंपरा और भारतीय स्त्रियों के चरित्र को बहुत ही शानदार ढंग से प्रस्तुत किया है। दुनिया में ऐसा सिर्फ भारतीय स्त्रियां ही कर सकती हैं। समय समय पर बहुत सारी स्त्रियों ने जौहर और त्याग का उदाहरण दिया है। नमन है ऐसी भारत भूमि को।
  • author
    Rahul Awasthi
    11 जुलाई 2019
    बहुत ही सुंदर दिल को छू गयी कहानी
  • author
    Jyotsana Srivastava
    16 जुलाई 2020
    कुछ लेखक ऐसे हैं जिनकी रचना की समीक्षा सूरज को दिया दिखाने जैसा है।
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    Vivek Kumar Rajput
    08 दिसम्बर 2018
    शानदार कहानी! भारतीय परंपरा और भारतीय स्त्रियों के चरित्र को बहुत ही शानदार ढंग से प्रस्तुत किया है। दुनिया में ऐसा सिर्फ भारतीय स्त्रियां ही कर सकती हैं। समय समय पर बहुत सारी स्त्रियों ने जौहर और त्याग का उदाहरण दिया है। नमन है ऐसी भारत भूमि को।
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    Rahul Awasthi
    11 जुलाई 2019
    बहुत ही सुंदर दिल को छू गयी कहानी
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    Jyotsana Srivastava
    16 जुलाई 2020
    कुछ लेखक ऐसे हैं जिनकी रचना की समीक्षा सूरज को दिया दिखाने जैसा है।