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प्यार का शोध-पत्र

4.2
7226

‘प्यार एक अहसास है। अनेक भावनाओं का मिश्रण है। प्यार पारस्परिक स्नेह से लेकर खुशी की ओर विस्तारित है। प्यार एक मजबूत आकर्षण है। निजी जुड़ाव की भावना है। प्यार को दया, भावना और स्नेह प्रस्तुत करने का ...

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लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    10 ডিসেম্বর 2017
    लेकिन प्रैक्टिकली ऐसा होता नहीं आपकी बीबी आपकी प्रेमिका के साथ सामान्य नहीं रह sakti
  • author
    पंकज जौहरी
    31 ডিসেম্বর 2019
    कल्पना अच्छी है। अभिव्यक्ति भी। दुःखद पक्ष ये है कि ऐसा व्यावहारिक जीवन में नहीं होता।
  • author
    Janvi Singh
    10 মে 2018
    bakwaas.....kahani me koi sense hi nahi tha....
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    10 ডিসেম্বর 2017
    लेकिन प्रैक्टिकली ऐसा होता नहीं आपकी बीबी आपकी प्रेमिका के साथ सामान्य नहीं रह sakti
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    पंकज जौहरी
    31 ডিসেম্বর 2019
    कल्पना अच्छी है। अभिव्यक्ति भी। दुःखद पक्ष ये है कि ऐसा व्यावहारिक जीवन में नहीं होता।
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    Janvi Singh
    10 মে 2018
    bakwaas.....kahani me koi sense hi nahi tha....