pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मन ही राखो गोय

4.1
13888

नैना और अविनाश एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते हैं। मगर किसी कारणवश उनकी शादी कहीं और हो जाती है। छ: साल बाद जब अविनाश नैना से मिलने उसके घर जाता है तो परिस्थितियां काफ़ी बदल चुकीं होती हैं। दोनों की ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

प्रकाशित पुस्तकें:- कविता संग्रह- मेरा गगन, क्योंकि मैं औरत हूँ कहानी संग्रह- समुद्र की रेत, मन का मनका फेर, सात दिन की माँ उपन्यास- अबकी नौकरी छोड़ दूँगी, सिंहासन का शीशा

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Smriti Prakash
    10 सितम्बर 2020
    दो कायर लोगो की कहानी,जिन्होंने दो जिन्दगियां बरबाद कर दीं शादी करनी ही नहीं थी,क्यों दो निर्दोष लोगों की जिंदगी तबाह करी? स्वार्थी प्यार,डरपोक प्यार। असल में ये प्यार है ही नहीं
  • author
    vishal shaw
    09 फ़रवरी 2021
    I gave average rating because ending was too much expected ... happy ending like always 😪😪😪
  • author
    Dev Sanwal
    17 अगस्त 2020
    khani achi h pr emotions ko km dikhaya gya h end thoda or best ho skta tha
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Smriti Prakash
    10 सितम्बर 2020
    दो कायर लोगो की कहानी,जिन्होंने दो जिन्दगियां बरबाद कर दीं शादी करनी ही नहीं थी,क्यों दो निर्दोष लोगों की जिंदगी तबाह करी? स्वार्थी प्यार,डरपोक प्यार। असल में ये प्यार है ही नहीं
  • author
    vishal shaw
    09 फ़रवरी 2021
    I gave average rating because ending was too much expected ... happy ending like always 😪😪😪
  • author
    Dev Sanwal
    17 अगस्त 2020
    khani achi h pr emotions ko km dikhaya gya h end thoda or best ho skta tha