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मोहब्बत थी ....

4.7
8872

वो बैठी थी करीने से व्यवस्थित अपने ऑफिस चैम्बर में कुछ फाइल्स देखते हुए।तभी किसी ने पुछा क्या मैँ अंदर आ सकता हूँ। फ़ाइल देखते हुए उसने कहा यस प्लीज.... वो अंदर आया। एक हल्की सी नज़र ऊपर उठा कर ...

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लेखक के बारे में
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Avinash Kumar
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    02 जानेवारी 2019
    आरम्भ में कुछ कमियाँ खटकीं किन्तु अंत तक आते आते उन्हें भूल जाना तनिक भी नहीं खला। अतः बहुत अच्छी रचना है। कई कारणों से मुझे मेरे अतीत में ले जाने में पर्याप्त सफल रही। कहानी के अंत में चनों की उम्र 27 बरस न बताकर उन्हें ताज़ा किंतु बढ़े हुए दाम के साथ उतनी ही मात्रा में बताया जाता तो कहानी में प्रेम भाव को एक और आयाम मिल जाता और उस निश्चित पल में आई अनायास काल्पनिकता समाप्त हो जाती।
  • author
    Neetu Bhargav
    02 सप्टेंबर 2020
    लेखक को नमस्ते आपकी रचना काफी अछी लगी अन्त बडा भावुकतापूर्ण था
  • author
    Aman Srivastava "अमन"
    17 मे 2018
    One of the best stories i have ever read, where there is a message that TRUE LOVE STILL EXISTS. Keep Writing, Avinash ! Best wishes for your Future. JAI HIND
  • author
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    02 जानेवारी 2019
    आरम्भ में कुछ कमियाँ खटकीं किन्तु अंत तक आते आते उन्हें भूल जाना तनिक भी नहीं खला। अतः बहुत अच्छी रचना है। कई कारणों से मुझे मेरे अतीत में ले जाने में पर्याप्त सफल रही। कहानी के अंत में चनों की उम्र 27 बरस न बताकर उन्हें ताज़ा किंतु बढ़े हुए दाम के साथ उतनी ही मात्रा में बताया जाता तो कहानी में प्रेम भाव को एक और आयाम मिल जाता और उस निश्चित पल में आई अनायास काल्पनिकता समाप्त हो जाती।
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    Neetu Bhargav
    02 सप्टेंबर 2020
    लेखक को नमस्ते आपकी रचना काफी अछी लगी अन्त बडा भावुकतापूर्ण था
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    Aman Srivastava "अमन"
    17 मे 2018
    One of the best stories i have ever read, where there is a message that TRUE LOVE STILL EXISTS. Keep Writing, Avinash ! Best wishes for your Future. JAI HIND