उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के ग्राम जिगना दीक्षित में श्रीमती रामायणी देवी और श्री राम बसंत दीक्षित के प्रथम संतान के रूप में पावन भारतभूमि से मेरा प्रथम साक्षात्कार हुआ | स्नातक की शिक्षा अपने ही जिले प्राप्त कर मैंने स्नातकोत्तर की शिक्षा हेतु गोरखपुर में पदार्पण किया और सेवा में आने तक गुरु गोरक्षनाथ जी की पवित्र भूमि के सानिध्य में रहा | साहित्य में मेरी बचपन से ही रुचि थी मगर विज्ञान वर्ग का छात्र होने के कारण साहित्य साधना पर ज्यादे ध्यान नहीं दे पाया | केंद्रीय विद्यालय में अध्यापन के दौरान आवश्यकतानुसार विज्ञान लघु-नाटिका लिखने से मैंने अपने साहित्य जीवन की शुरुआत की जो बाद संस्मरण से होते हुए कहानी और कविता लेखन तक पहुच गयी | मई २०१७ में प्रतिलिपि का साथ मिलने पर लेखन में गंभीरता आ गयी | प्रतिलिपि के मंच के अलावा मेरी रचनाये कुछ समाचार पत्रों, पत्रिकाओ में भी सराही गयी है |इस दौरान मेरे छात्रो, शिक्षक बंधुओ ,मित्रो एवं प्रतिलिपि के पाठको का का जो साथ मिला वह सराहनीय है | आशा है आप अपना प्रेम इसी तरह बरकरार रखेगे और मनोबल बढाने में सहायक होगे | बृज
रिपोर्ट की समस्या
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