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बचपन की बारिश और कागज की नाव

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बचपन की बारिश और कागज की नाव जो भी घर में आता ,वह बार-बार सखी को यही कहता कि ,...........सब्र करो ।कष्ट  तो भगवान ने दिया है । यह सोचो कि तुम अपने घर पर पहुंच गई ।ना जाने किस अवरोध में फांसी ...

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लेखक के बारे में
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Yati Sharma

हम अपने विचारों को कहानी का जमा पहनाते है । कोई पढ़ता है तो सोखद अनुभव होता है ।कोई समीक्षा करता है तो मनोबल बढ़ता है । प्रयास रहता है सबका सब कुछ पड़ लूं ।अगर फॉलोअर्स बनाने पड़े तो साहित्य साधना काम हो जाएगी ।लोगों का दर्द बांटती हूं । जिन्हे भाषा से प्रेम है वह अवश्य पड़ेंगे ।नए दोस्त बने तो और अच्छा लगता है । प्रतिलिपि को आभार ।जिन्होंने हमको ये धरातल में स्थान दिया ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    16 जुलाई 2020
    बढ़िया रचना आपकी। दिल को छू गई। कृपया इस संदर्भ में मेरी कहानी भी ज़रूर पढ़ें। शुभामनाएं।
  • author
    Purvi verma
    16 फ़रवरी 2022
    very beautiful
  • author
    Vishwa Mohan Singh
    15 जुलाई 2020
    अति सुन्दर रचना
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    16 जुलाई 2020
    बढ़िया रचना आपकी। दिल को छू गई। कृपया इस संदर्भ में मेरी कहानी भी ज़रूर पढ़ें। शुभामनाएं।
  • author
    Purvi verma
    16 फ़रवरी 2022
    very beautiful
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    Vishwa Mohan Singh
    15 जुलाई 2020
    अति सुन्दर रचना