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छोटा सा दान

4.6
5055

किसी ने सच ही कहा है, 'संतोषं परं सुखम' और किसी को सुख देने में जो संतोष है, वह अन्यत्र कहीं नहीं |

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लेखक के बारे में

मुकुन्द माधव तिवारी, M.A. हिंदी. कुशीनगर, उत्तर प्रदेश । संपर्क सूत्र - ९५५४६५४९३९

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shweta
    01 मई 2018
    Very inspiring. Everyone should teach their child the same lesson. Today's children are forgetting their upbringings and ethical values. Nice attempt in short story
  • author
    Lalit Paliwal
    19 जुलाई 2019
    प्रभु ने हम सभी को सेवा का मौका देकर हमे भीतरी खुशी का आभास कराता है और इस निमित्त भी बनाता है ।बहुत अच्छी कहानी
  • author
    राजेश मंथन
    07 मई 2018
    परोपकार या मानव सेवा करने से जो अपार सुख मिलता है वह और किसी भी प्रकार की उपलब्धि से नहीं मिल सकता। सराहनीय लेखन!
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    Shweta
    01 मई 2018
    Very inspiring. Everyone should teach their child the same lesson. Today's children are forgetting their upbringings and ethical values. Nice attempt in short story
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    Lalit Paliwal
    19 जुलाई 2019
    प्रभु ने हम सभी को सेवा का मौका देकर हमे भीतरी खुशी का आभास कराता है और इस निमित्त भी बनाता है ।बहुत अच्छी कहानी
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    राजेश मंथन
    07 मई 2018
    परोपकार या मानव सेवा करने से जो अपार सुख मिलता है वह और किसी भी प्रकार की उपलब्धि से नहीं मिल सकता। सराहनीय लेखन!