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अनमोल रिश्ता

4.4
18935

अधिकांश परिवारों में लड़के अपने पैरों पर खड़े होते ही घर छोड़ देते हैं जबकि पिता ने उनकी परवरिश में अपना जीवन समर्पित कर दिया होता है क्यों करते हैं पिता यह पढ़िए एक संवेदनशील कहानी

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लेखक के बारे में

नाम-अवनीन्द्र सिंह जादौन शैक्षिक योग्यता- एम् एस सी बीएड एम् ए बेसिक शिक्षा में अध्यापन के साथ शौकिया लेखन। कई आलेख प्रकाशित हुए हैं मुख्यतः ब्लॉग लेखन में सक्रिय। शिक्षा पर आलेख और व्यंग्य ज्यादा लोकप्रिय।

समीक्षा
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    सुमित झा
    11 ਜਨਵਰੀ 2019
    कहानी जहाँ एक ओर रिश्ते की मर्म को समझा रहीं हैं वहीं दुसरी ओर हमारी दंभकारी शिक्षा व्यवस्था पर भी कटाक्ष व व्यंग कर रही हैं । प्रस्तुत कहानी में वर्तमान भावनात्मक संबंधों का बढ़ीया जिक्र किया गया हैं । लेखक को वैराग की अनुभूति होना लाजिमी हैं लेकिन पारिवारिक में उचित मार्गदर्शन की कमी दिख रही हैं जहाँ लेखक को और काम करना चाहिए था।
  • author
    Shekhar Dubey
    11 ਜਨਵਰੀ 2019
    संवेदनशील रचना । समस्या जिसका कोई समाधान नही । अपने आस पास हम प्रतिदिन कितने ही ऐसे बाबूजी को देखते है । लेकिन कर कुछ नही सकते । पिता का बच्चों के प्रति मोह और उनके कर्तव्य और दूसरी तरफ युवा पीढ़ी की सोच और समस्याएं । कुछ नही हो सकता । चलता रहेगा ऐसा ही। संवेदनशील लोग देख देख कर आंसू बहाते रहेंगे।
  • author
    वैभवी
    11 ਜਨਵਰੀ 2019
    चिड़िया के बच्चे उड़ जाते है प्रकृति का कठोर नियम है मनुष्य ने प्रकृति पर विजय पाने की कोशिशें की है और अपनी ही संतान से हार जाता है जो प्रकृति के इस नियम की कटु सच्चाई को सामने ला देते है।पर मैं अपने पापा को नही भूल सकती ...कभी नही ।हृदयस्पर्शी कहानी
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    सुमित झा
    11 ਜਨਵਰੀ 2019
    कहानी जहाँ एक ओर रिश्ते की मर्म को समझा रहीं हैं वहीं दुसरी ओर हमारी दंभकारी शिक्षा व्यवस्था पर भी कटाक्ष व व्यंग कर रही हैं । प्रस्तुत कहानी में वर्तमान भावनात्मक संबंधों का बढ़ीया जिक्र किया गया हैं । लेखक को वैराग की अनुभूति होना लाजिमी हैं लेकिन पारिवारिक में उचित मार्गदर्शन की कमी दिख रही हैं जहाँ लेखक को और काम करना चाहिए था।
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    Shekhar Dubey
    11 ਜਨਵਰੀ 2019
    संवेदनशील रचना । समस्या जिसका कोई समाधान नही । अपने आस पास हम प्रतिदिन कितने ही ऐसे बाबूजी को देखते है । लेकिन कर कुछ नही सकते । पिता का बच्चों के प्रति मोह और उनके कर्तव्य और दूसरी तरफ युवा पीढ़ी की सोच और समस्याएं । कुछ नही हो सकता । चलता रहेगा ऐसा ही। संवेदनशील लोग देख देख कर आंसू बहाते रहेंगे।
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    वैभवी
    11 ਜਨਵਰੀ 2019
    चिड़िया के बच्चे उड़ जाते है प्रकृति का कठोर नियम है मनुष्य ने प्रकृति पर विजय पाने की कोशिशें की है और अपनी ही संतान से हार जाता है जो प्रकृति के इस नियम की कटु सच्चाई को सामने ला देते है।पर मैं अपने पापा को नही भूल सकती ...कभी नही ।हृदयस्पर्शी कहानी