बहुत मुख्तसर सी कहानी है मेरे होने की
तुझसे हूँ तुझसे थी तू है वजह मेरे होने की
मैं राजस्थान नागौर से इशरत
मेरे husband। एडवोकेट सरफ़राज़ नवाज़ खान ,, ऊपर वाली लाइन उन्ही के लिए है😊
मैं भी एडवोकेट हूँ अल्हम्दुलिल्लाह,,,
मेरे अंदर बहुत सी ग़ज़ले लहर बन के उभरती हैं रोज ओर बहुत सी कहानियां नदी की तरह कल कल बहती है मुझमे ।
आप लोगों का प्यार आशीर्वाद ओर साथ चाहिए
please साथ दीजिये मैं आगे बढ़ना चाहती हूं
कुछ कर दिखाने की ख्वाहिश है मेरी
बहुत कुछ ख्याल हैं जो लफ्ज़ बन कर कागज़ पर उतारने हैं मुझे बहुत कुछ देखा है मेरी इन आँखों ने जो मुझे इस प्लेटफार्म के कैनवास पर उतारना है
प्लीज् मुझे रंग दीजिये ओर क़लम ताकि मैं इस कैनवास पर इंद्र धनुष उतार सकूँ
आशीर्वाद प्यार और साथ जो अब तक दिया उसी से मैं ये लिख पाई हु ओर साथ देंगे ना आप मेरा🤗
बहुत कुछ है मेरे पास लिखने को ओर लिखा भी है लेकिन मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाई क्योंकि ना तो अच्छा प्लेटफॉर्म मिला ना ही वक़्त,,
पर अब मैं लिखना चाहती हूँ और मुझे आप लोगो का साथ ओर आशीर्वाद चाहिए
मेरे अंदर बहुत सी ग़ज़ले लहर की तरह उभरती हैं रोज़ ओर बहुत सी कहानियां है जो नदी बन कर
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
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