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यादों को गले से लगाकर

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यादों को गले से लगाकर दर्द को दिल में बसाकर गुजारती हूँ दिन और रात कहाँ मिलता है तब भी मेरे बैचेन दिल को करार !! मिलन तो हो भी न पाया था कि विदाई की बेला आ गयी सारे नज़ारे रो पड़े संग में मेरे आँखों ...

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लेखक के बारे में

आओगे जब तुम औ सजना अंगना फूल खिलेंगे , , , sirf tum    शिक्षा_         एम.ए. संस्कृत( रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय,बरेली)   अन्य_                         लघु शोध , “कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कोर्स ” सम्मान _                     सारस्वत सम्मान, विशिष्ट सरस्वती रत्न सम्मान सम्प्रति _           आल इंडिया रेडियो , अनाउन्सर   सृजन _        कविता , कहानी , लेख आदि प्रकाशन_                       एक काव्य संग्रह ‘ये मेरा आसमां’ व एक कहानी संग्रह “लिव लाइफ” प्रकाशित   कथादेश, परिकथा ,कादम्बिनी , दैनिक जागरण ., अमर उजाला , लहक, समाज कल्याण, मधुराक्षर, करुणावती साहित्यधारा आदि अनेकों साहित्यिक पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित   आकाशवाणी, दूरदर्शन पर कविता कहानी व परिचर्चा में सहभागिता और साहित्यिक गोष्ठी,  कविता कोष में रचनाओं का शामिल होना ....  

समीक्षा
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  • author
    रमेश पाली
    01 जनवरी 2022
    वाह
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    16 मई 2018
    बहुत अच्छी रचना
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    रमेश पाली
    01 जनवरी 2022
    वाह
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    16 मई 2018
    बहुत अच्छी रचना