pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
प्र
প্র
പ്ര
પ્ર
ಪ್ರ
பி

वह मजदूर था

4.7
400

वह मरा नहीं ,वह तर गया > वर्षो से वह जीने के लिए > ज़िंदगी से लड़ रहा था > जीने की चाह में दो रोटी के लिए > कितने ही भोग भोग रहा था > जब कभी बेरोजगारी जोंक से लड़कर जीत जाता > बेचारा महँगाई डायन से ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
पूनम तिवारी

जन्म - 18 जुलाई, स्थान उत्तर प्रदेश प्रकाशन - वक्त का तकाजा (उपन्यास) निभायी वफा से (उपन्यास) खुशबू हरसिंगार की (उपन्यास) रिश्तों की नदी (कहानी संग्रह) कभी मोम कभी बर्फ सी पिघलती जिन्दगी (कहानी संग्रह) पत्र पत्रिकाओं में कहानी, कविता ज्वलन्त विषयों पर लेख प्रकाशित। दूरदर्शन, आकाशवाणी, ज्ञानवाणी से वार्ता, कहानी, कविता एवं ड्रामा प्रसारित. सम्प्रति - स्वतन्त्र लेखन ,सामाजिक कार्य ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    23 मार्च 2022
    दया दर्शाती सुंदर कविता******ढाई सो ग्राम के पैसे चुकाकर,दो सो ग्राम का सौदा लेकर। वाह बहुत खूब
  • author
    22 मार्च 2018
    आदरणीया पूनम जी , बहुत बहुत बधाई आपको
  • author
    अजयंती शंकर
    13 जून 2021
    बहुत सुंदर
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    23 मार्च 2022
    दया दर्शाती सुंदर कविता******ढाई सो ग्राम के पैसे चुकाकर,दो सो ग्राम का सौदा लेकर। वाह बहुत खूब
  • author
    22 मार्च 2018
    आदरणीया पूनम जी , बहुत बहुत बधाई आपको
  • author
    अजयंती शंकर
    13 जून 2021
    बहुत सुंदर