pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

विध्वंस

4.7
25728

जिला बनारस में बीरा नाम का एक गाँव है। वहाँ एक विधवा वृद्धा, संतानहीन, गोंड़िन रहती थी, जिसका भुनगी नाम था। उसके पास एक धुर भी जमीन न थी और न रहने का घर ही था। उसके जीवन का सहारा केवल एक भाड़ था। ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रमोद
    06 अप्रैल 2019
    डॉक्टर की दवा लगे या ना लगे लेकिन गरीब की बद्दुआ शत-प्रतिशत लगती है
  • author
    Jyoti Bajpai
    04 सितम्बर 2018
    ईश्वर का न्याय ।
  • author
    Abhishek Verma
    30 अगस्त 2018
    अंतर मन तक झकझोर देने वाली यर्थाथ रचना।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रमोद
    06 अप्रैल 2019
    डॉक्टर की दवा लगे या ना लगे लेकिन गरीब की बद्दुआ शत-प्रतिशत लगती है
  • author
    Jyoti Bajpai
    04 सितम्बर 2018
    ईश्वर का न्याय ।
  • author
    Abhishek Verma
    30 अगस्त 2018
    अंतर मन तक झकझोर देने वाली यर्थाथ रचना।