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शैतान की आंत

2.6
25722

रोज़ाना की भाँति आज भी हाकर राघव के सेहन में अखबार फेंक गया था, लेकिन आजकल उस के अन्दर की पहले जैसी अख़बार के इंतजार की ब्यग्रता तथा पढ़ने की उत्सुकता काफ़ूर होती जा रही है, वरनाा पहले वह हाकर के ...

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लेखक के बारे में
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नसीम साकेती

जन्म-जि़ला अम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) के मिझौड़ा नामक गांव में शिक्षा-स्नातकोत्तर पेषा-पेशे से इन्जीनियर (रेलवे) रचनाएं 1. ‘सूरज फ़्यूज़ हो गया’, ‘अमोघ-अस्त्र’, ‘सुलगते सवाल’, ‘पानी पर लिखी इबारत’ तथा ‘गोहनलगुआ’ कहानी-संग्रह 2. ‘बोल की लब आज़ाद हैं’, उपन्यास 3. आकाशवाणी से कहानी, कविता तथा नाटक का प्रसारण, नाटक ‘‘पत्नी एक कवि की’’ तथा कहानी ‘‘पीढि़यां’’ काफ़ी चर्चित रही। अनेक कहानियाँ उर्दू, अँग्रेजी, गुजराती तथा मलयालम में अनूदित. कुछ समय तक आर0बी0एन0 काॅलेज गोसाईगंज (फ़ैज़ाबाद) में अध्यापन बाद में रेलवे में इन्जीनियर सम्मान :- हिन्दी सभा सीतापुर द्वारा ‘‘हिन्दी गौरव-सम्मान’’ उत्तर प्रदेष राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा ‘‘साहित्य-गौरव सम्मान’’, उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान द्वारा 14 सितम्बर, 2013 को ‘‘साहित्य भूषण’’ सम्मान से सम्मानित.

समीक्षा
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  • author
    अरुण सिंह "डॉ"
    26 एप्रिल 2017
    बहुत ही बेकार कहानी। कृपया इसे ना पढें। इसमे कोई भूत नही है।
  • author
    Anu Victory
    07 नोव्हेंबर 2017
    its not horror.... plz change its category.
  • author
    Reshu Tyagi
    21 नोव्हेंबर 2017
    कहानी भूत की लिखनी थी महँगाई की नहीं
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    अरुण सिंह "डॉ"
    26 एप्रिल 2017
    बहुत ही बेकार कहानी। कृपया इसे ना पढें। इसमे कोई भूत नही है।
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    Anu Victory
    07 नोव्हेंबर 2017
    its not horror.... plz change its category.
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    Reshu Tyagi
    21 नोव्हेंबर 2017
    कहानी भूत की लिखनी थी महँगाई की नहीं