pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

साला ! गधा !

4.0
5386

''कहां है साहब ?'' उस ने कार्यालय में घुसते ही बाबू से पूछा. '' अरे भाई ! क्या हुआ ? बैठोबैठो. बताता हूं,'' कह कर बाबू ने चपरासी को आवाज दी, '' रतन ! पानी लाना.'' मगर, उस ने बोलना जारी रखा, '' अरे ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

    जन्म-        26 जनवरी’ 1965         पेशा -            सहायक शिक्षक         शौक-        अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा-    मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथसाथ लघुकथाएं व क्षणिका तथा हाइकू . शिक्षा-    एमए ( हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र,  इतिहास ) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा . समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिषत अंक के साथ अपनी बैच में प्रथम . रचना प्रकाशन-    सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, समाजकल्याण , बालभारती, वेबदुनिया, चौथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विषेष लेखन-    चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाषन-    लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, चतुराई धरी रह गई.प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार-    साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकू , हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). jजयविजय सम्मान २०१५ प्राप्त.  

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    12 ಜನವರಿ 2018
    बहुत ही बोरिंग सिस्टम पर एक अच्छी लघुकथा।
  • author
    26 ಜುಲೈ 2017
    पढ़ कर प्रतिक्रिया अवश्य देवे
  • author
    Mukesh Verma
    06 ಜುಲೈ 2019
    सही काम करने बाले को कोई नहीं पूछता।चापलूस बिना काम किये तारीफ पाते है।अधिकारी कर्मठ कर्मचारी को फंसाकार रिश्वत लेते है। उत्तम रचना
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    12 ಜನವರಿ 2018
    बहुत ही बोरिंग सिस्टम पर एक अच्छी लघुकथा।
  • author
    26 ಜುಲೈ 2017
    पढ़ कर प्रतिक्रिया अवश्य देवे
  • author
    Mukesh Verma
    06 ಜುಲೈ 2019
    सही काम करने बाले को कोई नहीं पूछता।चापलूस बिना काम किये तारीफ पाते है।अधिकारी कर्मठ कर्मचारी को फंसाकार रिश्वत लेते है। उत्तम रचना