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ऋषि अष्टावक्र

4.8
2857

बात उस समय की है जब एक जंगल में ऋषि कहोल अपनी पत्नी सुजाता के साथ आश्रम बना कर रहते थे। एक दिन जंगल में अकाल पड़ जाता है और सुजाता अपने पति कहोल को कुछ धनार्जन के लिए राजा जनक के समीप मिथिला ...

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लेखक के बारे में
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Dr. Madhavi Srivastava

मेरे ब्लॉग साइट पर आपका स्वागत है– www.sadhana-sansar.com मेरी कहानियाँ 'प्रेम का भ्रम' और 'सती का बलिदान' 'विश्वासघात' www.notionpress.com, Amezon, kindle और Flipkart पर भी उपलब्ध है। Social media: Folllow for more updates and news about my present and upcoming stories. Instagram: @Geeta_story, Xhttps://x.com/MadhaviSrivast1

समीक्षा
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  • author
    Prajesh Kumar Prasad
    26 एप्रिल 2022
    सुंदर प्रस्तुतिकरण । धन्यवाद । राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण ..
  • author
    Shalini Saxena
    01 ऑक्टोबर 2021
    बहुत अच्छी थी। ऐसे प्राचीन उल्लेख कहा जानने समझने को मिलते है। हमारे भारत में ऐसे कितने ही महान विद्वानो ने जन्म लिया है पर हममें से कितने है जो उनके बारे में जानते है। धन्यवाद।
  • author
    02 ऑक्टोबर 2021
    भावो को बड़ी खूबसूरती के साथ ओर शब्दो के सुंदर प्रयोग के बल पर सुंदर रचना कैसे लिखी जा सकती है ये रचना इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
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    Prajesh Kumar Prasad
    26 एप्रिल 2022
    सुंदर प्रस्तुतिकरण । धन्यवाद । राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण ..
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    Shalini Saxena
    01 ऑक्टोबर 2021
    बहुत अच्छी थी। ऐसे प्राचीन उल्लेख कहा जानने समझने को मिलते है। हमारे भारत में ऐसे कितने ही महान विद्वानो ने जन्म लिया है पर हममें से कितने है जो उनके बारे में जानते है। धन्यवाद।
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    02 ऑक्टोबर 2021
    भावो को बड़ी खूबसूरती के साथ ओर शब्दो के सुंदर प्रयोग के बल पर सुंदर रचना कैसे लिखी जा सकती है ये रचना इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है।