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शाश्वत प्रेम

3.9
6609

“शिउली, तुम तो जरा भी नहीं बदली | मैंने सोचा था कि तुम विदेश जाकर फिरंगन हो गयी होगी ।" शिउली मुस्कुरा उठी, "मनुष्य का असली स्वरूप प्रेम है जो कभी नहीं बदलता।" "लो देखो मैं तुम्हारे लिए हरसिंगार ...

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लेखक के बारे में

जन्म तिथि और स्थान – ५ फरवरी राजस्थान - भारत ३ – शिक्षा – स्नातक संगीत ४ – कार्य क्षेत्र – साहित्य, संगीत, अध्यात्म और समाज सेवा ५ – प्रकाशित कृतियाँ – कुछ रचनाएँ पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित ६ – सम्मान व पुरस्कार – गायन मंच पर ७ – संप्रति – स्वतंत्र लेखन ८ – ईमेल – [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Lalit Singh
    18 फ़रवरी 2018
    Kya hai ye..... 😏
  • author
    कल्पना रामानी
    19 अप्रैल 2017
    बहुत ही सुन्दर प्रेम कथा
  • author
    अजय वर्मा "सनी"
    27 जून 2017
    motivative line
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    Lalit Singh
    18 फ़रवरी 2018
    Kya hai ye..... 😏
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    कल्पना रामानी
    19 अप्रैल 2017
    बहुत ही सुन्दर प्रेम कथा
  • author
    अजय वर्मा "सनी"
    27 जून 2017
    motivative line