“शिउली, तुम तो जरा भी नहीं बदली | मैंने सोचा था कि तुम विदेश जाकर फिरंगन हो गयी होगी ।" शिउली मुस्कुरा उठी, "मनुष्य का असली स्वरूप प्रेम है जो कभी नहीं बदलता।" "लो देखो मैं तुम्हारे लिए हरसिंगार ...
जन्म तिथि और स्थान – ५ फरवरी राजस्थान - भारत
३ – शिक्षा – स्नातक संगीत
४ – कार्य क्षेत्र – साहित्य, संगीत, अध्यात्म और समाज सेवा
५ – प्रकाशित कृतियाँ – कुछ रचनाएँ पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित
६ – सम्मान व पुरस्कार – गायन मंच पर
७ – संप्रति – स्वतंत्र लेखन
८ – ईमेल – [email protected]
सारांश
जन्म तिथि और स्थान – ५ फरवरी राजस्थान - भारत
३ – शिक्षा – स्नातक संगीत
४ – कार्य क्षेत्र – साहित्य, संगीत, अध्यात्म और समाज सेवा
५ – प्रकाशित कृतियाँ – कुछ रचनाएँ पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित
६ – सम्मान व पुरस्कार – गायन मंच पर
७ – संप्रति – स्वतंत्र लेखन
८ – ईमेल – [email protected]
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