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पिता छाया भी आधार भी

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वो जो चलते रहे बिना थके, सपनों की खातिर खुद को मिटा गए। न शिकायत, न कोई शोर, पिता हैं जैसे मौन का मजबूत छोर । चेहरे पर चिंता की लकीरें थीं, पर होठों पर हौसले की तस्वीरें थीं। हर तूफ़ान को सीने में ...

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लेखक के बारे में
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Piyush Gupta
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ranjana Gupta "ranjanawrites"
    01 जून 2025
    awesome .pita ka hamari life mei bahut badha yogdan hota hei🙏🙏
  • author
    Swasti Maheshwari
    01 जून 2025
    बहुत ही बढ़िया कविता 👏
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    Ranjana Gupta "ranjanawrites"
    01 जून 2025
    awesome .pita ka hamari life mei bahut badha yogdan hota hei🙏🙏
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    Swasti Maheshwari
    01 जून 2025
    बहुत ही बढ़िया कविता 👏