लिखना मुझे आत्मिक आनंद देता है , क्षणिक भावों को शब्द बनाकर उन भावो को सदा के लिए अमिट बनाने का कार्य लेखनी करती है। कल्याणकारी भाव ही सार्थक रचना बना सकते है , जो स्वयं और दूसरे के जीवन को नई राह और ऊर्जा दे , वही साहित्य है , अन्यथा सब व्यर्थ है। प्रेम और स्त्री जीवन दो मेरे प्रमुख विषय है, क्योकि ये मेरे अंतर जगत से उठने वाले भाव है । आप मेरे लेखो , कविता , कहानियों से जुड़ कर सदैव इक दिशा निर्देश को प्राप्त करेंगे , जो अध्यात्म और आत्मिक आनंद की ओर आपको ले जायेगा।यही मै , मेरे जीवन और मेरी लेखनी का "मूल" है।