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जीने के लिये

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अब मैं सीख गया हूं संसार के नियम बदल दी है मैंने अब अपनी जीने की राह नहीं करता किसी पर विश्वास अपने अलावा है ही कौन अब सिर्फ चलती फिरती छायाएं जो सांझ की वेला में लम्बी हो चली है जिन ...

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लेखक के बारे में
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Harsh chikara

जीवन क्या है ? यही खोजना साधना है ।

समीक्षा
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  • author
    Ravi Sana "Sana"
    08 अक्टूबर 2025
    अति सुन्दर प्रस्तुति
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    Ravi Sana "Sana"
    08 अक्टूबर 2025
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