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हार पर तकरार

3.6
658

पार्टी चुनाव हार चुकी थी और उसके बाद इस बात के लिए मंथन चल रहा था कि हार का ठीकरा किसके सर फोड़ा जाए. बैठक शुरू होने के पहले ही कुछ लोग एक-दूसरे को बुरी तरह से घूर रहे थे. गोया इशारे--इशारे में ...

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लेखक के बारे में
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गिरीश पंकज

पूरा नाम : गिरीश चंद्र उपाध्याय । दस उपन्यास, सत्ताईस व्यंग्य संग्रह, सात गजल संग्रह, नवसाक्षरों के लिए पन्द्रह पुस्तकें, बच्चों के लिए सात पुस्तकें, पत्रकारिता साहित्य पर विविध विषयों को लेकर पन्द्रह पुस्तकें। लगभग सन्तानवे पुस्तकों का लेखन। व्यंग्य साहित्य का सबसे बड़ा लखटकिया सम्मान 'व्यंग्यश्री' 13 फरवरी, 2018 को दिल्ली में मिला। रायपुर (छत्तीसगढ़) में रहते हुए पिछले चालीस सालों से साहित्य और पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय। प्रमुख अखबारों में मुख्य नगर संवाददाता और संपादक के पद पर काम करने के बाद स्वतंत्र लेखन। बीस खंडों में 'गिरीश पंकज रचनावली' प्रकाश्य। अब तक बाईस विद्यार्थियों द्वारा शोध कार्य।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    विजय सिंह "बैस"
    17 जुलाई 2019
    हकीकत से बहुत करीब चित्रण किया है ।साधुवाद।
  • author
    . .
    24 अक्टूबर 2019
    bahut majedar kahani thi😃😃
  • author
    रमेश सिंह
    01 सितम्बर 2020
    not interested
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    विजय सिंह "बैस"
    17 जुलाई 2019
    हकीकत से बहुत करीब चित्रण किया है ।साधुवाद।
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    . .
    24 अक्टूबर 2019
    bahut majedar kahani thi😃😃
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    रमेश सिंह
    01 सितम्बर 2020
    not interested