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हंगामा है क्यूँ बरपा

4.5
1160

हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है| ना-तजुर्बाकारी से, वाइज़ की ये बातें हैं इस रंग को क्या जाने, पूछो तो कभी पी है| उस मय से नहीं मतलब, दिल जिस से है ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : अकबर हुस्सैन रिज़वी उपनाम : अकबर अलाहाबादी जन्म : 16 नवंबर 1846 देहावसान: 15 फरवरी 1921 भाषा : उर्दू विधाएँ : ग़ज़ल, शायरी अकबर अलाहाबादी उर्दू व्यंग्य के अग्रणी रचनाकारों में से एक हैं, इनके काफी शेरों एवम ग़ज़लों में सामाजिक दर्द को सरल भाषा में हास्यपूर्क ढंग से उकेरा गया है। "हंगामा है क्यूं बरपा" इनकी मशहूर ग़ज़लों में से एक है

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Himanshi Singh
    10 अगस्त 2020
    I have read your poetry, you are truly a great writer. We would like to give you a chance on behalf of our publication house.if u interested then ping me fast.
  • author
    Zeeshan Ahmad Khan "Shanu"
    08 जून 2022
    वाह्ह्ह्ह क्या बात है बेहतरीन लाजवाब ग़ज़ल.....
  • author
    विकास कुमार
    16 मई 2020
    वाह, क्या लिखा था। हमेशा अमर रहेगा यह।
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  • author
    Himanshi Singh
    10 अगस्त 2020
    I have read your poetry, you are truly a great writer. We would like to give you a chance on behalf of our publication house.if u interested then ping me fast.
  • author
    Zeeshan Ahmad Khan "Shanu"
    08 जून 2022
    वाह्ह्ह्ह क्या बात है बेहतरीन लाजवाब ग़ज़ल.....
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    विकास कुमार
    16 मई 2020
    वाह, क्या लिखा था। हमेशा अमर रहेगा यह।