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घोंसला

4.6
209

इश्क दुआ बन जाता है जब सहेज लेता है कोई ढाई अक्षर की इबारत दिल की किताब पर संवर उठती है कायनात सूरज के लाल दरवाजे तक तोरने बंध जाती हैं ढोलक पर गाए जाते हैं गीत अनंत जन्मों के ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Brahmwati Sharma
    10 ऑक्टोबर 2023
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति करण एवं सार्थक रचना
  • author
    संतोष नायक
    12 ऑक्टोबर 2019
    सुंदर भावाभिव्यक्ति।
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    Brahmwati Sharma
    10 ऑक्टोबर 2023
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति करण एवं सार्थक रचना
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    संतोष नायक
    12 ऑक्टोबर 2019
    सुंदर भावाभिव्यक्ति।