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गली ग़ालिब की

4.3
6687

रूस के गोर्की टाउन से कर इंग्लैण्ड के स्टार्टफोर्ड अपोन एवोन तक और मास्को के पुश्किन हाउस से लेकर लन्दन के कीट्स हाउस तक। ज़ब जब किसी लेखक या शायर का घर, गाँव सुन्दरतम तरीके से संरक्षित देखा हर बार मन ...

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लेखक के बारे में

जन्म स्थान - नई दिल्ली, जन्म 20 दिसंबर 1973. शिक्षा - मोस्को स्टेट यूनिवर्सिटी मास्को से टीवी जर्नलिज्म में परास्नातक ( with honor ) स्कूलिंग - पिथौरागढ, रानीखेत (भारत ) वर्तमान निवास - लंदन (यूनाइटेड किंगडम) मातृभाषा - हिंदी कार्यानुभव - · भारत में एक टीवी चैनल (TVI) में असिस्टेंट न्यूज़ प्रोडूसर के तौर पर काम किया . · "रेडियो मास्को" में ब्रॉडकास्टर के रूप में कार्य · वर्तमान में लन्दन में स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन में साक्रिय. उपलब्धियां - · देश - विदेश के लगभग सभी मुख्य समाचार पत्र- पत्रिकाओं में आलेख एवं रचनाएं प्रकाशित · "लन्दन डायरी" नाम से दैनिक जागरण (राष्ट्रीय ) में दो वर्ष से अधिक तक नियमित कॉलम। · वर्तमान में "नवभारत" के अवकाश में "लंदन नामा" नाम से साप्ताहिक स्तम्भ। पुरस्कार / सम्मान - · भारतीय उच्चायोग लंदन द्वारा हिंदी पत्रकारिता में महत्व्पूर्ण योगदान हेतु "आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी मीडिया सम्मान" (2014) · - ABP News द्वारा सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर सम्मान (2014) · हिंदी पत्रकारिता को समर्पित- श्री सत्यनारायण शुक्ल स्मृति प्रथम श्रम साधना सम्मान (2015 लखनऊ ) · प्रकाशित पुस्तक -यात्रा संस्मरण/ - "स्मृतियों में रूस" के लिए जानकी बल्लभ शास्त्री साहित्य सम्मान" (2012) · साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान 2009,2010 - यात्रा वृतांत के लिए एवं संवाद सम्मान द्वारा संस्मरण के लिए वर्ष की श्रेष्ठ लेखिका सम्मान. प्रकाशित पुस्तक - · यात्रा संस्मरण/- "स्मृतियों में रूस "(डायमंड बुक्स -2012) · "मन के प्रतिबिम्ब" प्रकाशित काव्य संग्रह। ( सुभांजलि प्रकाशन - 2013) अन्य गतिविधियाँ - · लंदन में वातायन एवं हिंदी समिति संस्थाओं की सक्रीय सदस्य। · लंदन से निकलने वाली एकमात्र हिंदी साहित्यिक पत्रिका "पुरवाई" के संपादक मंडल में स्थान। · 2009 से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों में भागीदारी और वक्तत्व. · यू के एवं भारत में कई काव्य पाठ में भागेदारी। · यू के में होने वाली हिंदी भाषा सम्बन्धी प्रतियोगिताओं में निर्णायक के तौर पर उपस्थिति। · लंदन में नेहरू सेंटर के कार्यक्रमों में सक्रीय सहयोग व भागेदारी। · लोकप्रिय ब्लॉग "स्पंदन" .

समीक्षा
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  • author
    Dinesh Kumar
    02 दिसम्बर 2017
    किसी से मिलने का जुनून होना चाहिए , रास्ता अंजान हो तो हो ,, हमने देखीं हैं उन तंग गलियों को जो छुपी हुई है एक पुरानी बस्ती में, आ ही जाते हैं कुछ दीवाने,,, मिर्ज़ा ग़ालिब के
  • author
    जय प्रकाश
    25 अगस्त 2015
    यह हमारे देश की विशेषता है। जब तक सरकार की नींद खुलती है तब तक कुछ भी अवशेष नहीं बचता। ऐसे कितने ही ऐतिहासिक एवं विश्वविख्यात धरोहर लुप्त होने के कगार पे हैं किन्तु हमारी सरकार को जब तक अपनी कुर्सी पर खतरा महसूस नहीं होता, तब तक उनकी नींद नहीं खुलती।   आपकी चिंता देखकर मन विचलित हुआ। आवश्यकता है की हम साधारण लोग ही इस असाधारण कार्य को अंजाम तक पहुचाएं। तभी हम इन महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे।   धन्यवाद।
  • author
    Taslim javed Siddiquie
    30 सितम्बर 2018
    महान रचनाकारों का सम्मान न करना इस देश का दुर्भाग्य है मिर्ज़ा ग़ालिब की रचनाएं आज भी जीवंत हैं
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    Dinesh Kumar
    02 दिसम्बर 2017
    किसी से मिलने का जुनून होना चाहिए , रास्ता अंजान हो तो हो ,, हमने देखीं हैं उन तंग गलियों को जो छुपी हुई है एक पुरानी बस्ती में, आ ही जाते हैं कुछ दीवाने,,, मिर्ज़ा ग़ालिब के
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    जय प्रकाश
    25 अगस्त 2015
    यह हमारे देश की विशेषता है। जब तक सरकार की नींद खुलती है तब तक कुछ भी अवशेष नहीं बचता। ऐसे कितने ही ऐतिहासिक एवं विश्वविख्यात धरोहर लुप्त होने के कगार पे हैं किन्तु हमारी सरकार को जब तक अपनी कुर्सी पर खतरा महसूस नहीं होता, तब तक उनकी नींद नहीं खुलती।   आपकी चिंता देखकर मन विचलित हुआ। आवश्यकता है की हम साधारण लोग ही इस असाधारण कार्य को अंजाम तक पहुचाएं। तभी हम इन महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे।   धन्यवाद।
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    Taslim javed Siddiquie
    30 सितम्बर 2018
    महान रचनाकारों का सम्मान न करना इस देश का दुर्भाग्य है मिर्ज़ा ग़ालिब की रचनाएं आज भी जीवंत हैं