तुम्हारे चेहरे से निकल कर एक तरफ चांंद चला गया, एक तरफ सूरज चमक उठा अब दोनों की किरणें तुम्हें सजाने आती हैं चांदनी में नदी की तरह चल रही हो तुम और मैं खड़ा हूं पुल पर तुम में बह रहा है संसार पहाड़, ...
तुम्हारे चेहरे से निकल कर एक तरफ चांंद चला गया, एक तरफ सूरज चमक उठा अब दोनों की किरणें तुम्हें सजाने आती हैं चांदनी में नदी की तरह चल रही हो तुम और मैं खड़ा हूं पुल पर तुम में बह रहा है संसार पहाड़, ...