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दूसरे पते पर लिखने का दर्द बनाम कश्मीर का गांव

4.5
1106

शायद ही कोई भारतीय हो जो कम से कम एक बार कश्मीर की यात्रा न कर लेना चाहता हो। कश्मीर की खूबसूरती का वर्णन ही इतना मिलता हॆ। ऊपर से एक समय तो ऎसा रहा हॆ कि हर दूसरी फिल्म में कश्मीर के दर्शन सुलभ रहे ...

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दिविक रमेश

सुप्रतिष्ठित वरिष्ठ कवि, बाल-साहित्यकार, अनुवादक एवं चिन्तक दिविक रमेश 20वीं शताब्दी के आठवें दशक में अपने पहले ही कविता-संग्रह ‘रास्ते के बीच’ से चर्चित हो जाने वाले आज के सुप्रतिष्ठित हिन्दी-कवि बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। 38 वर्ष की आयु में ही ‘रास्ते के बीच’ और ‘खुली आंखों में आकाश’ जैसी अपनी मौलिक साहित्यिक कृतियों पर सोवियत लैंड नेहरू एवार्ड जैसा अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले ये पहले कवि हैं। 17-18 वर्षों तक दूरदर्शन के विविध कार्यक्रमों का संचालन किया। 1994 से 1997 में भारत सरकार की ओर से दक्षिण कोरिया में अतिथि आचार्य के रूप में भेजे गए जहां इन्होंने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कितने ही कीर्तिमान स्थापित किए। वहां के जन-जीवन और वहां की संस्कृति और साहित्य का गहरा परिचय लेने का प्रयत्न किया। परिणामस्वरूप ऐतिहासिक रूप में, कोरियाई भाषा में अनूदित-प्रकाशत हिन्दी कविता के पहले संग्रह के रूप में इनकी अपनी कविताओं का संग्रह ‘से दल अइ ग्योल हान’ अर्थात् चिड़िया का ब्याह है। इसी प्रकार साहित्य अकादमी के द्वारा प्रकाशित इनके द्वारा चयनित और हिन्दी में अनूदित कोरियाई प्राचीन और आधुनिक कविताओं का संग्रह ‘कोरियाई कविता-यात्रा’ भी ऐतिहासिक दृष्टि से हिन्दी ही नहीं किसी भी भारतीय भाषा में अपने ढंग का पहला संग्रह है। साथ ही इन्हीं के द्वारा तैयार किए गए कोरियाई बाल कविताओं और कोरियाई लोक कथाओं के संग्रह भी ऐतिहासिक दृष्टि से पहले हैं। दिविक रमेश का जन्म 1946 में दिल्ली के गांव किराड़ी में हुआ था। 1986 से उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे प्रमुख शहर नोएडा में स्थायी रूप से रह रहे हैं । इनका वास्तविक नाम रमेश चंद शर्मा है। दिविक रमेश की अनेक कविताओं पर कलाकारों ने चित्र, कोलाज़ और ग्राफ्क्सि आदि बनाए हैं। उनकी प्रदर्शनियां भी हुई हैं। इनकी बाल-कविताओं को संगीतबद्ध किया गया है। जहां इनका काव्य-नाटक ‘खण्ड-खण्ड अग्नि’ बंगलौर विश्वविद्यालय की एम.ए. कक्षा के पाठ्यक्रम में निर्धारित है वहां इनकी बाल-रचनाएं पंजाब, उत्तर प्रदेश,बिहार और महाराष्ट्र बोर्ड तथा दिल्ली सहित विभिन्न स्कूलों की विभिन्न कक्षाओं में पढ़ायी जा रही हैं। इनकी कविताओं/ साहित्य पर पी-एच.डी के उपाधि के लिए शोध भी हो चुके हैं। शोधपरक/आलोचनात्मक कार्य: 1. समकालीन हिन्दी काव्य प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में दिविक रमेश की रचनाओं का अध्ययन, डॉ. प्रभु वी. उपासे, बॆंगलोर यूनिवर्सिटि, बॆंगलोर। पी-एच.डी की उपाधि के लिए। 2. डॉ. दिविक रमेश के बाल साहित्य में बाल मनोविज्ञान, डॉ. सिद्दगंगम्मा. एल, उच्च शिक्षा ऒर शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, चेन्नई। पी-एच.डी की उपाधि के लिए। 3. आधुनिक भाव-बोध ऒर डॉ.दिविक रमेश का बाल-काव्य, कु० चांदनी, आत्मा ज्योति फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली। (लघु शोध प्रबंध) 4. स्वतंत्र्योत्तर सामाजिक ऒर सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में दिविक रमेश के बाल साहित्य का अध्ययन, अश्विनी के., मॆसूर विश्वविद्यालय, मॆसूर। (पी-एच.डी की उपाधि के लिए) 5. डॉ.दिविक रमेश ऒर उनका बाल-साहित्य, संपादक: डॉ..शकुंतला कालरा, यश पब्लिकेशंस, दिल्ली। 6. कल्पांत पत्रिका (मई, 2011 , नई दिल्ली) का विशेषांक, संपादक: मुरारीलाल त्यागी। 7. आलोचना की दहलीज पर दिविक रमेश(2015), संपादक: प्रेम जनमेजय इनकी कविताओं को देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित संग्रहों में स्थान मिला है। इनमें से कुछ अत्यंत उल्लेखनीय इस प्रकार हैं: 1. इंडिया पोयट्री टुडे (आई.सी.सी.आर.), 1985, 2. न्यू लैटर (यू.एस.ए.) स्प्रिंग/समर, 1982, 3. लोटस (एफ्रो-एशियन राइटिंग्ज, ट्युनिस 'Tunis') वाल्यूमः56, 1985, 4. इंडियन लिटरेचर (Special number of Indian Poetry Today), साहित्य अकादमी, जनवरी/अप्रैल, 1980, 5. Natural Modernism (peace through poetry world congress of poets), 1997, कोरिया, 6. हिन्दी के श्रेष्ठ बाल-गीत (संपादकः श्री जयप्रकाश भारती), 1987, 7. आठवें दशक की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कविताएं (संपादकः हरिवंशराय बच्चन)। 8. भारतीय कविता संचयन( सम्पादक: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी), साहित्य अकादमी, नई दिल्ली(2012)। दिविक रमेश अनेक देशों जैसे जापान, कोरिया, बैंकाक, हांगकांग, सिंगापोर, इंग्लैंड, अमेरिका, रूस, जर्मनी, पोर्ट ऑफ स्पेन आदि की यात्राएं कर चुके हैं। विशेष: 2011 में दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य पद से सेवामुक्त। दिल्ली विश्वविद्यालय में ये 1970 से कार्यरत थे। वर्तमान में: i. सदस्य, बी. ओ. एस. , जामिया मिलिया विश्वविद्यालय , नई दिल्ली । ii. सदस्य, अकेडेमिक काउन्सिल, महात्मा गांधी हिंदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा । प्रमुख पुरस्कार/सम्मान: (1) दिल्ली हिंदी अकादमी का साहित्यिक कृति पुरस्कार, 1983 (2) सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, 1984 (3)गिरिजा कुमार माथुर स्मृति पुरस्कार, 1997 (4) एनसीईआरटी का राष्ट्रीय बाल-साहित्य पुरस्कार, 1988 (5)दिल्ली हिंदी अकादमी का बाल-साहित्य पुरस्कार, 1990 (6)अखिल भारतीय बाल-कल्याण संस्थान, कानपुर का सम्मान, 1991 (7) राष्ट्रीय नेहरू बाल साहित्य अवार्ड, बालकन-जी-बारी इंटरनेशनल, 1992 (8)इंडो- एशियन लिटरेरी क्लब, नई दिल्ली का सम्मान, 1995, (9) प्रकाशवीर शास्त्री सम्मान, 2002 (10)कोरियाई दूतावास से प्रशंसा-पत्र, 2001 (11)भारतीय विद्या संस्थान, ट्रिनिडाड एंड टोबेगो द्वारा गौरव सम्मान, 2002 (12)दिल्ली हिंदी अकादमी का साहित्यकार सम्मान, 2003 (13)शासी निकाय एवं स्टाफ काउंसिल, मोतीलाल नेहरू कालेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) द्वारा भाषा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया, 2003 (14)इंस्टीट्यूट ऒफ इकोनॉमिक स्टडीज द्वारा शिक्षा रत्न अवार्ड, 2004, अनुवाद के लिए भारतीय अनुवाद परिषद का द्विवागीश पुरस्कार (2009), भारतीय स्तर का श्रीमती रतन शर्मा बाल-साहित्य पुरस्कार, 2009(101 बाल कविताओं पर), उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान (उत्तर प्रदेश सरकार ) का सर्वोच्च बाल साहित्य पुरस्कार - साहित्य भारती सम्मान (2013)। प्रकाशित कृतियां: (1) कविताः ‘रास्ते के बीच’, ‘खुली आंखों में आकाश’, ‘हल्दी-चावल और अन्य कविताएं’, ‘छोटा-सा हस्तक्षेप’, ‘फूल तब भी खिला होता’‘गेहूँ घर आया है’ (चुनी हुई कविताएँ), वह भी आदमी तो होता हॆ, बाँचो लिखी इबारत, माँ गाँव में है। (कविता-संग्रह)। ‘खण्ड-खण्ड अग्नि’ (काव्य-नाटक)। ‘फेदर’ (अंग्रेजी में अनूदित कविताएं)। ‘से दल अइ ग्योल होन’ (कोरियाई भाषा में अनूदित कविताएं)। ‘अष्टावक्र’ (मराठी में अनूदित कविताएं)। आलोचना:(1) ‘कविता के बीच से’, किताबघर, नई दिल्ली (2)‘नए कवियों के काव्य-शिल्प सिद्धांत’, अभिरूचि प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली (3)‘साक्षात् त्रिलोचन’, सिद्धार्थ प्रकाशन, नई दिल्ली (4)‘संवाद भी विवाद भी’, ग्रंथलोक, शाहदरा, दिल्ली, समझा परखा ( निबंध)। (3) बाल साहित्य: कविता संग्रह : जोकर मुझे बना दो जी, हंसे जानवर हो हो हो, कबूतरों की रेल, छतरी से गपशप, अगर खेलता हाथी होली, तस्वीर और मुन्ना, मधुर गीत भाग-3 और भाग-4, अगर पेड़ भी चलते होते, खुशी लौटाते हैं त्योहार, मेघ हंसेंगे जोर-जोर से, 101 बाल कविताएं (2008), खूब जोर से बारिश आई (2009) । कहानी संग्रह :धूर्त साधु और किसान, सबसे बड़ा दानी, शेर की पीठ पर, बादलों के दरवाजे, घमंड की हार, ओह पापा, बोलती डिबिया, ज्ञान परी ।लोक कथाएं : सच्चा दोस्त, और पेड़ गूंगे हो गए (विश्व की लोक कथाएं) । फूल भी और फल भी (लेखकों से संबद्ध साक्षात् आत्मीय संस्मरण), कोरियाई बाल कविताएं, कोरियाई लोक कथाएं, कोरियाई कथाएं। ‘बल्लू हाथी का बाल घर’ (बाल नाटक)( 2012)। 2014 मेँ प्रकाशित बाल-साहित्य: अपने भीतर झांको(कहानी संग्रह), समझदार हाथी समझदार चींटी (कविता संग्रह), बँदर मामा(कविता संग्रह) ऑर लू लू की सनक (कहानी संग्रह)। अन्य:‘खंड-खंड अग्नि’ के मराठी, गुजराती, कन्नड़ और अंग्रेजी अनुवाद। अनेक भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में रचनाएं अनूदित हो चुकी हैं। रचनाएं पाठ्यक्रमों में निर्धारित। अनुवाद :(1) कोरियाई कविता-यात्रा (कोरियाई कविताएं), साहित्य अकादमी, दिल्ली (2)(टिमोथी वांगुसा की कविताएं) सुनो अफ्रीका, साहित्य अकादमी, दिल्ली (3)कोरियाई बाल कविताएं, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली (4)द डे ब्रेक्स ओ इंडिया (श्रीमती किम यांग शिक की कविताओं का हिंदी अनुवाद), अजंता बुक्स इंटरनेशनल, दिल्ली (5) कोरियाई लोक-कथाएं, पीताम्बर पब्लिकेशन, दिल्ली (6)सच्चा दोस्त, अभिरूचि प्रकाशन, दिल्ली (7)और पेड़ गूंगे हो गए (विश्व की लोक कथाएं), प्रकाशन विभाग, दिल्ली (8) ख़लनायक ( यी मुन योल का कोरियाई उपन्यास), राजकमल प्रकाशन प्रा0 लिमिटेड। उपर्युक्त के अतिरिक्त बल्गारियाई, रूसी, चीनी आदि भाषाओं के साहित्य का समय-समय पर अनुवाद और उनका प्रकाशन। संपादित:(1) निषेध के बाद (आठवें दशक की कविता), विक्रांत प्रेस, दिल्ली (2)हिंदी कहानी का समकालीन परिवेश, ग्रंथलोक, शाहदरा, दिल्ली (3)आन्साम्बल (कविताएं एवं रेखा चित्र), विक्रांत प्रेस, दिल्ली (4)कथा पड़ाव, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली (5)दूसरा दिविक (कविता), 1973, विक्रांत प्रेस, नई दिल्ली (6)दिशा बोध, विक्रांत प्रेस, दिल्ली (7)बहरहाल, चंडीगढ़। बालकृष्ण भट्ट, वाणी प्रकाशन, प्रताप नारायण मिश्र, वाणी प्रकाशन। प्रकाश्य: कविता संग्रह: वहाँ पानी नहीँ है बाल-साहित्य:, सम्पूर्ण बाल-साहित्य (गद्य) आलोचना: हिन्दी का बाल-साहित्य: कुछ पड़ाव दिविक रमेश के प्रमुख प्रकाशकों मेँ किताबघर , राजकमल, वाणी, राधाकृष्ण, पीताम्बर पब्लिशिंग कम्पनी, परिमल, पराग(अभिरुचि ), नेशनल बुक ट्र्स्ट , साहित्य अकादमी, प्रकाशन विभाग(भारत सरकार), प्रकाशन संस्थान , आत्माराम, आलेख, अजँता, सस्ता साहित्य मंडल आदि हैं ।

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  • author
    Brijesh Kumar
    08 जुलाई 2020
    bharosa rakho hamari dosti par Ham kisi ka Dil dukhana nahin kahate aap aur aapka anjada hamen achcha Laga bahana hamen kisi Ko date bataiye nahin karte BN Dil se 💞🎻
  • author
    Pooja Singh
    12 अप्रैल 2018
    मैंने कश्मीर को २०१० में देखा , शुक्रिया अपने पहले वाला कश्मीर दिखा दिया . जिस दर्द को आपने बयां किया उसके बारे में बहुत सुना है मैंने भी , बहुत ही दुखद है.
  • author
    Parvinder Kumar
    20 जनवरी 2019
    so nice but sadly
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    Brijesh Kumar
    08 जुलाई 2020
    bharosa rakho hamari dosti par Ham kisi ka Dil dukhana nahin kahate aap aur aapka anjada hamen achcha Laga bahana hamen kisi Ko date bataiye nahin karte BN Dil se 💞🎻
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    Pooja Singh
    12 अप्रैल 2018
    मैंने कश्मीर को २०१० में देखा , शुक्रिया अपने पहले वाला कश्मीर दिखा दिया . जिस दर्द को आपने बयां किया उसके बारे में बहुत सुना है मैंने भी , बहुत ही दुखद है.
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    Parvinder Kumar
    20 जनवरी 2019
    so nice but sadly