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भूतहा कुआँ

4.0
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भूत से मिलना है, भूत को जानना है तो आइए आ लोगों को भूत (काल) में ले चलता हूँ। काफी पुरानी बात, घटना। शाम का समय था। गाँव के बाहर रमैनी साहू के बगीचे में कुछ गँवई लोग जमा थे। कुछ तो अपने मवेशियों ...

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लेखक के बारे में

प्रभाकर पाण्डेय जन्मतिथि :०१-०१-१९७६ जन्म-स्थान :गोपालपुर, पथरदेवा, देवरिया (उत्तरप्रदेश) शिक्षा :एम.ए (हिन्दी), एम. ए. (भाषाविज्ञान)  पिछले 18-19 सालों से हिन्दी की सेवा में तत्पर। पूर्व शोध सहायक (Research Associate), भाषाविद् के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) मुम्बई के संगणक एवं अभियांत्रिकी विभाग में भाषा और कंप्यूटर के क्षेत्र में कार्य। कई शोध-प्रपत्र राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत। वर्तमान में सी-डैक मुख्यालय, पुणे में कार्यरत। विभिन्न हिंदी, भोजपुरी पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rahul Yuvraj
    12 जनवरी 2017
    सच कहूं तो कहानी बहोत दुख दाई थी बच्चे के साथ बहोत बुरा हुआ .. कहानी सच्ची है तो भगवान उस बच्चे की आत्मा को शांति दे स्नेह दे ढेर सारा प्यार भी दे मै भी उस बच्चे को अपनी तरफ से ढेर सारा प्यार और स्नेह देता हूं बच्चा तो बच्चा ही है ना चाहे वो अपना हो या पराया प्यार और स्नेह उसे बाराबर का मिलना चाहिए ,, इस जन्म में नही तो अगले जन्म में उसे माँ बाप का प्यार जरूर मिलेगा ,, भगवान बच्चे की आत्मा को शांति प्रदान करे ,, अत्यन्त दुख हुआ ये कहानी पढ़ के आँखे नम हो गयी ,,,
  • author
    Ruchi
    22 जून 2018
    कहानी तो ठीक थी पर आपने "दरअसल" शब्द का इतनी बार प्रयोग किया है कि समझ आता है शायद आपका तकिया कलाम भी होगा
  • author
    Kd Manmouji
    25 मई 2017
    मनगढंत पोस्ट ।
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    Rahul Yuvraj
    12 जनवरी 2017
    सच कहूं तो कहानी बहोत दुख दाई थी बच्चे के साथ बहोत बुरा हुआ .. कहानी सच्ची है तो भगवान उस बच्चे की आत्मा को शांति दे स्नेह दे ढेर सारा प्यार भी दे मै भी उस बच्चे को अपनी तरफ से ढेर सारा प्यार और स्नेह देता हूं बच्चा तो बच्चा ही है ना चाहे वो अपना हो या पराया प्यार और स्नेह उसे बाराबर का मिलना चाहिए ,, इस जन्म में नही तो अगले जन्म में उसे माँ बाप का प्यार जरूर मिलेगा ,, भगवान बच्चे की आत्मा को शांति प्रदान करे ,, अत्यन्त दुख हुआ ये कहानी पढ़ के आँखे नम हो गयी ,,,
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    Ruchi
    22 जून 2018
    कहानी तो ठीक थी पर आपने "दरअसल" शब्द का इतनी बार प्रयोग किया है कि समझ आता है शायद आपका तकिया कलाम भी होगा
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    Kd Manmouji
    25 मई 2017
    मनगढंत पोस्ट ।