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भूतहा खजाना

3.7
19664

एक घटना सुनाता हूँ। हमारे जवार में एक पंडीजी थे। उनका एक बहुत बड़ा बगीचा था। वे कभी-कभी दोपहर में अपने इस बाग में गाय आदि लेकर चराने जाते थे और गाय को चरता छोड़ बाग में ही एक बड़े बरगद के नीचे ...

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लेखक के बारे में

प्रभाकर पाण्डेय जन्मतिथि :०१-०१-१९७६ जन्म-स्थान :गोपालपुर, पथरदेवा, देवरिया (उत्तरप्रदेश) शिक्षा :एम.ए (हिन्दी), एम. ए. (भाषाविज्ञान)  पिछले 18-19 सालों से हिन्दी की सेवा में तत्पर। पूर्व शोध सहायक (Research Associate), भाषाविद् के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) मुम्बई के संगणक एवं अभियांत्रिकी विभाग में भाषा और कंप्यूटर के क्षेत्र में कार्य। कई शोध-प्रपत्र राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत। वर्तमान में सी-डैक मुख्यालय, पुणे में कार्यरत। विभिन्न हिंदी, भोजपुरी पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pacific 191
    09 मई 2018
    अतिउत्तम
  • author
    Sandhya Singh "Sheelu"
    01 मई 2017
    Sabhi kahaniyo wale same pandit ji .hahaha but story was good☺☺
  • author
    Priyanshu Agarwal
    01 जून 2018
    kahani aachi thi
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    Pacific 191
    09 मई 2018
    अतिउत्तम
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    Sandhya Singh "Sheelu"
    01 मई 2017
    Sabhi kahaniyo wale same pandit ji .hahaha but story was good☺☺
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    Priyanshu Agarwal
    01 जून 2018
    kahani aachi thi