क्राँच वध के बाद से आजतक भारतीय साहित्य में अनेक महान विभूतियाँ हुईं हैं। हर काल खण्ड में अनेक सिद्धहस्त महानुभाव हुऐ हैं। हर युग का अपना एक अलग महत्व है ।परन्तु हर युग मॅ एक बात समान रूप से विद्यमान ...
बहुत अच्छी और सच्ची लेख..
🙏
अवश्य ही हम सबके आस आप ऐसे कोई न कोई महानुभाव होते ही हैं, जो खाल खेंचु की श्रेणी में आते हैं। पर ऐसे लोगों का भी समाज में रहना अत्यावश्यक है, यही तो वो लोग हैं जिनसे प्रेरित/उत्प्रेरित होकर समाज को युवा नवीन रचना स्वतंत्रता के साथ गढ़ते हैं।
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अवश्य ही हम सबके आस आप ऐसे कोई न कोई महानुभाव होते ही हैं, जो खाल खेंचु की श्रेणी में आते हैं। पर ऐसे लोगों का भी समाज में रहना अत्यावश्यक है, यही तो वो लोग हैं जिनसे प्रेरित/उत्प्रेरित होकर समाज को युवा नवीन रचना स्वतंत्रता के साथ गढ़ते हैं।
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