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तीसरी मंज़िल आपकी मंज़िल तो नहीं?

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चालीस की आयु में हमें अपने माता-पिता का भी अधिक ध्यान रखना पड़ता है, और पूरा घर इस काम में लगा रहता है कि उनको कोई तकलीफ न हो। हम उनकी हर सुख-सुविधा का ख्याल रहते है, पर जागरूकता न होने से ...

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Anwar Huda
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