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आखिर क्यों और कब तक? #ओवुमनिया

4.6
1671

पूनम ने तय कर लिया कि अब बस... अब और नहीं। आखिर प्यार दोनों ने किया तो सिर्फ वह अकेले इस रिश्ते को कैसे बचाएगी? घरेलू हिंसा की बलि चढ़ गया उनका रिश्ता......

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लेखक के बारे में
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प्रिया

खुद ही खुद को 'हराने' और 'जिताने' वाली एक 'समझदार' 'नासमझ' लड़की 🦋

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Santosh Kumar
    13 मार्च 2019
    धन्यवाद प्रिया जी इंसान को सोच समझ कर फैसला करना चाहिए
  • author
    ईशा अग्रवाल
    12 मार्च 2019
    अच्छी कहानी है। आपको बधाई।
  • author
    नीतू सिंह
    13 मार्च 2019
    Achhi kahani. बहुत बहुत बधाई
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Santosh Kumar
    13 मार्च 2019
    धन्यवाद प्रिया जी इंसान को सोच समझ कर फैसला करना चाहिए
  • author
    ईशा अग्रवाल
    12 मार्च 2019
    अच्छी कहानी है। आपको बधाई।
  • author
    नीतू सिंह
    13 मार्च 2019
    Achhi kahani. बहुत बहुत बधाई