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मजा नहीं आया ...

4.6
196

मजा नहीं आया घर में घुसते ही बाबा को किसी को फ़ोन पे कहते सुना था, मैंने अपनी ही धुन में जवाब दे दिया - नहीं अभी नहीं आया, अब तक तो आ जाना चहिये था, अभी दूर होगा, सामाजिक चौराहे वाली सड़क पर भीड़ भी ...

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लेखक के बारे में

आत्मा प्रयासरत है ... आत्मिक मौन को शब्दों में पिरो कागज़ की कश्ती में कलम को पतवार बना जीवन के समुन्दर की गहराई में उतर जाने के लिए ...

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    parul chawla singh
    10 அக்டோபர் 2021
    maja aagaya ...
  • author
    Pramila Joshi "जोशी"
    10 அக்டோபர் 2021
    सुन्दर
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    parul chawla singh
    10 அக்டோபர் 2021
    maja aagaya ...
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    Pramila Joshi "जोशी"
    10 அக்டோபர் 2021
    सुन्दर