थके हुए कदम ज्यों ही सीढ़ी चढ़ने को हुए कि दादी की कड़क आवाज कानों में आई, " उफ्फ आज फिर गायब है राधाl बारिश देख कदम नही टिकते इसके आंगन में, आने दो फिर बताती हूँl" अरे, आज तो काफी देर हो गयी ...
थके हुए कदम ज्यों ही सीढ़ी चढ़ने को हुए कि दादी की कड़क आवाज कानों में आई, " उफ्फ आज फिर गायब है राधाl बारिश देख कदम नही टिकते इसके आंगन में, आने दो फिर बताती हूँl" अरे, आज तो काफी देर हो गयी ...